ek chhotee see jaan, ek badee seekh

Realy story Sad Realy story

Posted by golu on 2025-03-23 17:01:37 | Last Updated by golu on 2025-07-12 04:07:20

Share: Facebook | Twitter | Whatsapp | Linkedin Visits: 108


ek chhotee see jaan, ek badee seekh

दिनांक: 23 मार्च 2025 | समय: रात 9:45 PM

आज एक ऐसी घटना हुई जिसने मुझे अंदर तक झकझोर दिया... एक छोटी-सी मधुमक्खी (Honey Bee) मेरे पास आई और अचानक मुझे काट लिया। उस पल दर्द से तड़पते हुए, मैंने सबसे पहले सोचा कि इसे मार दूं! लेकिन जब मैंने इसे ध्यान से देखा, तो मेरा मन बदल गया।

वो मेरे कीबोर्ड पर गिर गईशायद अपनी आखिरी सांसों में थी। मैंने अपनी डेस्क से चीजें हटाकर उसे आराम से रखा और उसकी मदद करने की पूरी कोशिश की। मुझे लगा शायद ये फिर से उड़ सके, शायद ये बच जाए… लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

वो खुद को बार-बार उठाने की कोशिश कर रही थी, अपने पंख फड़फड़ा रही थी, लेकिन हर बार गिर रही थी। मैंने उसे थोड़ा पानी भी दिया, सोचा शायद इससे इसे राहत मिले। कुछ हलचल हुई, लेकिन धीरे-धीरे वो शांत होने लगी… फिर उसने अपने पैर मोड़ लिए, जैसे हार मान ली हो… और फिर हमेशा के लिए शांत हो गई।

मुझे जितना दर्द उसके काटने से हुआ था, उससे कई गुना ज्यादा इस छोटी सी जान के लिए महसूस हुआ।

यह छोटी-सी घटना मुझे बहुत कुछ सिखा गई।
हम अक्सर बिना सोचे-समझे गुस्से में प्रतिक्रिया दे देते हैं। लेकिन अगर हम थोड़ी देर रुककर चीजों को दूसरे के नजरिए से देखें, तो हमें एहसास होगा कि शायद सामने वाला भी अपनी लड़ाई लड़ रहा है।

मधुमक्खियां यूँही किसी को नहीं काटती, वे ऐसा सिर्फ खतरा महसूस करने पर ही करती हैं। लेकिन उनके लिए ये आखिरी कदम होता है, क्योंकि काटने के बाद वे खुद भी मर जाती हैं। शायद ये भी डर गई थी, इसलिए काट लिया… गलती इसकी नहीं थी, बस परिस्थितियाँ ऐसी थीं।

हर जीवन कीमती होता है, चाहे वो कितना भी छोटा क्यों न हो।
अगर हम अपने गुस्से, दर्द और डर से ऊपर उठकर चीजों को दूसरों की नजर से देखें, तो शायद हम और बेहतर इंसान बन सकते हैं।

Leave a Comment: